संधि की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
संधि की परिभाषा और इसके प्रकार : यूट्यूब पर वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें | संधि की परिभाषा दो वर्णों के मेल से उत्पन्न होने वाले परिवर्तन अथवा विकार को संधि कहा जाता है। संधि संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसके शाब्दिक अर्थ से तात्पर्य किसी प्रकार के समझौते अथवा मेल से होता है। संधि उद्देश्यरहित वर्णों को जोड़कर एक नए तार्किक एवं सार्थक शब्द का निर्माण करती है। जब कभी किन्ही दो वर्णों में निकटता की वजह से किसी विशेष प्रकार का परिवर्तन उत्पन्न होता है, तब उस परिवर्तन को संधि कहा जाता है। संधि में दो या दो से अधिक शब्दों के मिलने के कारण नए उत्पन्न शब्द का रूप छोटा रहता है। यहाँ पर दो वर्ण मिलाकर एक तीसरे नवीन शब्द की रचना करते हैं | संधि विच्छेद : संधि शब्दों के पृथक्कीकरण को संधि-विच्छेद कहा जाता है। संधि-विच्छेद के द्वारा संधि शब्दों को उनके मूल रूप अथवा वर्णों में पुनः लाया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर: भाव + अर्थ = भावार्थ भारत + इंदु = भारतेंदु सद + ऐव = सदैव महा + ऋषि = महर्षि विद्या + आलय = विद्यालय राज + ऋषि = राजर्षि रवि + इंद्र = रविंद्र लोक+ उक्ति = ...



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